Friday, July 29, 2011

Bas Likhna Hai!






बस लिखना है...........................


हर उस एहसास को जो मन मे होता है

हर वो लम्हा जो दिल को छूता है


वो उम्मिदो की कहानियाँ, सपनो की रानियाँ

वो जवां दिल जो सपने पिरोता है


बस लिखना है,

वो कल आज और कल की बातें,

जो कुछ याद रहा और जो ना भूल सके

कुच्छ बिखरे लम्हे, कुच्छ बीती यादें


बस लिखना है.........

याद करते हुए वो बचपन की अठह्खेलियान, झूले और सहेलियाँ

सारी बातें - सच्ची, झूठी, और वो सब तो पीछे छूटा है!


लिखना है उस वक़्त के बारे मे भी,

जब दिल टूटा और रोया है

दर्द से छटपटाया, जब भी कोई अपना इस भीर मे खोया है

उन लम्हो का भी ज़िक्र होगा, जब दिल गम की गलिओं में एक लंबी नींद सोया है



और भी लिखना है..........

कुच्छ मेरे अपनो की बातें, आज कहने से किसने रोका है

व्हो पाना हौसला पापा के पीठ थपथपाने से.

व्हो मा की गोंद मे चैन से सोना

जब देखा रंग बदलते हुए इस दुनिया को

पाया बस उनको स्दा एक सा, बाकी सब लगा धोखा है



बस लिखना है

ज़िंनदागी हर दिन की, वो हर दिन उसे जीना

खुदकी क़ाबलियत पे रखना दम, चलना चौड़ा करके सीना

उन्हे शब्दो मे पिरोना और कहना.........

ये मेरी लाइफ है, यहा कुच्छ ऐसा ही होता है!!!!!!!


क्यूंकी बस लिखना है.......................



2 comments:

  1. Hi!. If you can write like this, Very Good . Keep it up. Nice poetry.

    Check my Hindi Poetry at http://www.belovedlife-santosh.blogspot.com. I hope you would like it.

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  2. Oh!Thanks Santosh ji!
    I'll check ur blog soon.

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